Ni Mai Kamli Hoi By Jaya Kishori Ji - नी में कमली होई Download Mp3 & pdf lyrics
Bhajan
Ni Mai Kamli Hoi
Radha Krishna
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Track Name - Ni Mai Kamli Hoi
Voice - Jaya Kishori Bhajan
Tags - Radha Bhajan
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[ Ni Mai Kamli Hoi ]
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Read Here - भक्ति कथायें ।।
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-Lyrics-
Ni Mai Kamli Hoi
नी में कमली होई
कमली श्याम दी कमली नी में कमली श्याम दी कमली,
रूप सलोना देख श्याम का, सुध बुध मेरी खोयी,
नी में कमली होई॥
सखी पनघट पर यमुना के तट पर लेकर पहुंची मटकी,
भूल गयी सब एक बार ही जब छवि देखि नटखट की,
देखत ही में हुईं बाँवरी उसी रूप में खोयी,
देखत ही में हुईं बाँवरी उसी रूप में खोयी,
नी मैं कमली होई॥
कमली श्याम दी कमली,
रूप सलोना देख श्याम का सुध बुध मेरी खोयी,
नी मैं कमली होई कमली श्याम दी कमली॥
कदम के नीचे अखियाँ मीचे,
खड़ा था नन्द का लाला,
मुख पर हंसी हाथ में बंसी मोर मुकुट माला,
तान सुरीली मधुर नशीली तान सुरीली मधुर नशीली तनमन दियो भिगोई,
नी मैं कमली होई॥
कमली श्याम दी कमली,
रूप सलोना देख श्याम का सुध बुध मेरी खोयी,
नी मैं कमली होई कमली श्याम दी कमली॥
सास नन्द मुझे पल पल कोसे हर कोई देवे ताने,
बीत रही मुझ बिरहन पर ये कोई ना जाने
पूछे सब निर्दोष बाँवरी तट पे तू कहे गयी॥
नी मैं कमली होई नी मैं कमली होई॥
कमली श्याम दी कमली,
रूप सलोना देख श्याम का सुध बुध मेरी खोयी,
नी मैं कमली होई कमली श्याम दी कमली॥
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Ni Mai Kamli Hoi
नी में कमली होई
कमली श्याम दी कमली नी में कमली श्याम दी कमली,
रूप सलोना देख श्याम का, सुध बुध मेरी खोयी,
नी में कमली होई॥
सखी पनघट पर यमुना के तट पर लेकर पहुंची मटकी,
भूल गयी सब एक बार ही जब छवि देखि नटखट की,
देखत ही में हुईं बाँवरी उसी रूप में खोयी,
देखत ही में हुईं बाँवरी उसी रूप में खोयी,
नी मैं कमली होई॥
कमली श्याम दी कमली,
रूप सलोना देख श्याम का सुध बुध मेरी खोयी,
नी मैं कमली होई कमली श्याम दी कमली॥
कदम के नीचे अखियाँ मीचे,
खड़ा था नन्द का लाला,
मुख पर हंसी हाथ में बंसी मोर मुकुट माला,
तान सुरीली मधुर नशीली तान सुरीली मधुर नशीली तनमन दियो भिगोई,
नी मैं कमली होई॥
कमली श्याम दी कमली,
रूप सलोना देख श्याम का सुध बुध मेरी खोयी,
नी मैं कमली होई कमली श्याम दी कमली॥
सास नन्द मुझे पल पल कोसे हर कोई देवे ताने,
बीत रही मुझ बिरहन पर ये कोई ना जाने
पूछे सब निर्दोष बाँवरी तट पे तू कहे गयी॥
नी मैं कमली होई नी मैं कमली होई॥
कमली श्याम दी कमली,
रूप सलोना देख श्याम का सुध बुध मेरी खोयी,
नी मैं कमली होई कमली श्याम दी कमली॥
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