Sukh Karta Dukh Harta Vaarta Vighnaach Ganesh Bhajan With Lyrics - सुख करता दुखहर्ता वार्ता विघ्नाची Mp3 Download
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Bhajan
Sukh Karta Dukh Harta Vaarta Vighnaach
Ganesh Bhajan
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Track Name - Sukh Karta Dukh Harta Vaarta Vighnaach
Website - HariDasi
Tags - Ganesh Bhajan
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Read Here - भक्ति कथायें ।।
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-Lyrics-
सुख करता दुखहर्ता वार्ता विघ्नाची
Sukh Karta Dukh Harta Vaarta Vighnaach
॥ सुख करता, दुखहर्ता, वार्ता विघ्नाची ॥
॥ नूर्वी पूर्वी, प्रेम कृपा जयाची ॥
॥ सर्वांगी सुन्दर उटी शेंदु राची ॥
॥ कंठी झलके माल मुकताफळांची ॥
॥ जय देव जय देव, जय मंगल मूर्ति ॥
॥ दर्शनमात्रे मनःकमाना पूर्ति ॥
॥ जय देव जय देव, जय देव जय देव ॥
॥ रत्नखचित फरा तुझ गौरीकुमरा ॥
॥ चंदनाची उटी कुमकुम केशरा ॥
॥ हीरे जडित मुकुट शोभतो बरा ॥
॥ रुन्झुनती नूपुरे चरनी घागरिया ॥
॥ जय देव जय देव, जय मंगल मूर्ति ॥
॥ दर्शनमात्रे मनःकमाना पूर्ति ॥
॥ जय देव जय देव, जय देव जय देव ॥
॥ लम्बोदर पीताम्बर, फनिवर वंदना ॥
॥ सरल सोंड वक्रतुंडा त्रिनयना ॥
॥ दास रामाचा वाट पाहे सदना ॥
॥ संकटी पावावे निर्वाणी रक्षावे सुरवर वंदना ॥
॥ जय देव जय देव, जय मंगल मूर्ति ॥
॥ दर्शनमात्रे मनःकमाना पूर्ति ॥
॥ जय देव जय देव, जय देव जय देव ॥
॥ शेंदुर लाल चढायो अच्छा गजमुख को ॥
॥ दोन्दिल लाल बिराजे सूत गौरिहर को ॥
॥ हाथ लिए गुड लड्डू साई सुरवर को ॥
॥ महिमा कहे ना जाय लागत हूँ पद को ॥
॥ जय जय, जय जय जय ॥
॥ जय जय जी गणराज विद्यासुखदाता ॥
॥ धन्य तुम्हारो दर्शन मेरा मत रमता ॥
॥ जय देव जय देव, जय देव जय देव ॥
॥ अष्ट सिधि दासी संकट को बैरी ॥
॥ विघन विनाशन मंगल मूरत अधिकारी ॥
॥ कोटि सूरज प्रकाश ऐसे छबी तेरी ॥
॥ गंडस्थल मद्मस्तक झूल शशि बहरी ॥
॥ जय जय, जय जय जय ॥
॥ जय जय जी गणराज विद्यासुखदाता ॥
॥ धन्य तुम्हारो दर्शन मेरा मत रमता ॥
॥ जय देव जय देव, जय देव जय देव ॥
॥ भावभगत से कोई शरणागत आवे ॥
॥ संतति संपत्ति सबही भरपूर पावे ॥
॥ ऐसे तुम महाराज मोको अति भावे ॥
॥ गोसावीनंदन निशिदिन गुण गावे ॥
॥ जय जय जी गणराज विद्यासुखदाता ॥
॥ धन्य तुम्हारो दर्शन मेरा मत रमता ॥
॥ जय देव जय देव, जय देव जय देव ॥
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सुख करता दुखहर्ता वार्ता विघ्नाची
Sukh Karta Dukh Harta Vaarta Vighnaach
॥ सुख करता, दुखहर्ता, वार्ता विघ्नाची ॥
॥ नूर्वी पूर्वी, प्रेम कृपा जयाची ॥
॥ सर्वांगी सुन्दर उटी शेंदु राची ॥
॥ कंठी झलके माल मुकताफळांची ॥
॥ जय देव जय देव, जय मंगल मूर्ति ॥
॥ दर्शनमात्रे मनःकमाना पूर्ति ॥
॥ जय देव जय देव, जय देव जय देव ॥
॥ रत्नखचित फरा तुझ गौरीकुमरा ॥
॥ चंदनाची उटी कुमकुम केशरा ॥
॥ हीरे जडित मुकुट शोभतो बरा ॥
॥ रुन्झुनती नूपुरे चरनी घागरिया ॥
॥ जय देव जय देव, जय मंगल मूर्ति ॥
॥ दर्शनमात्रे मनःकमाना पूर्ति ॥
॥ जय देव जय देव, जय देव जय देव ॥
॥ लम्बोदर पीताम्बर, फनिवर वंदना ॥
॥ सरल सोंड वक्रतुंडा त्रिनयना ॥
॥ दास रामाचा वाट पाहे सदना ॥
॥ संकटी पावावे निर्वाणी रक्षावे सुरवर वंदना ॥
॥ जय देव जय देव, जय मंगल मूर्ति ॥
॥ दर्शनमात्रे मनःकमाना पूर्ति ॥
॥ जय देव जय देव, जय देव जय देव ॥
॥ शेंदुर लाल चढायो अच्छा गजमुख को ॥
॥ दोन्दिल लाल बिराजे सूत गौरिहर को ॥
॥ हाथ लिए गुड लड्डू साई सुरवर को ॥
॥ महिमा कहे ना जाय लागत हूँ पद को ॥
॥ जय जय, जय जय जय ॥
॥ जय जय जी गणराज विद्यासुखदाता ॥
॥ धन्य तुम्हारो दर्शन मेरा मत रमता ॥
॥ जय देव जय देव, जय देव जय देव ॥
॥ अष्ट सिधि दासी संकट को बैरी ॥
॥ विघन विनाशन मंगल मूरत अधिकारी ॥
॥ कोटि सूरज प्रकाश ऐसे छबी तेरी ॥
॥ गंडस्थल मद्मस्तक झूल शशि बहरी ॥
॥ जय जय, जय जय जय ॥
॥ जय जय जी गणराज विद्यासुखदाता ॥
॥ धन्य तुम्हारो दर्शन मेरा मत रमता ॥
॥ जय देव जय देव, जय देव जय देव ॥
॥ भावभगत से कोई शरणागत आवे ॥
॥ संतति संपत्ति सबही भरपूर पावे ॥
॥ ऐसे तुम महाराज मोको अति भावे ॥
॥ गोसावीनंदन निशिदिन गुण गावे ॥
॥ जय जय जी गणराज विद्यासुखदाता ॥
॥ धन्य तुम्हारो दर्शन मेरा मत रमता ॥
॥ जय देव जय देव, जय देव जय देव ॥
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