Ek Din Vo Bhole Bhandari Ban Karke Brij Nari By Jaya Kishori (VIDEO) - Download pdf & lyrics
Shiv Bhajan
Track Details
Track Name - Ek Din Vo Bhole Bhandari Ban Karke Brij Nari
Track - (Shiv Bhajan)
_____________________
Download Now
_____________________________________
Read Here - भक्ति कथायें ।।
_____________________________________
-Lyrics-
Ek Din Vo Bhole Bhandari Ban Karke Brij Nari
इक दिन वो भोले भंडारी बन करके ब्रज की नारी ब्रज में आ गए
Ek Din Vo Bhole Bhandari Ban Karke Brij Nari
इक दिन वो भोले भंडारी बन करके ब्रज की नारी ब्रज में आ गए
इक दिन वो भोले भंडारी बन करके ब्रज की नारी ब्रज में आ गए,
पार्वती भी मना के हारी ना माने त्रिपुरारी ब्रज में आ गए।
पार्वती से बोले मैं भी चलूँगा तेरे संग मैं,
राधा संग श्याम नाचे मैं भी नाचूँगा तेरे संग में।
रास रचेगा ब्रज मैं भारी हमे दिखादो प्यारी ॥
ओ मेरे भोले स्वामी, कैसे ले जाऊं अपने संग में,
श्याम के सिवा वहां पुरुष ना जाए उस रास में।
हंसी करेगी ब्रज की नारी मानो बात हमारी॥
ऐसा बना दो मोहे कोई ना जाने एस राज को,
मैं हूँ सहेली तेरी ऐसा बताना ब्रज राज को ।
बना के जुड़ा पहन के साड़ी चाल चले मतवाली ॥
हंस के सत्ती ने कहा बलिहारी जाऊं इस रूप में,
इक दिन तुम्हारे लिए आये मुरारी इस रूप मैं।
मोहिनी रूप बनाया मुरारी अब है तुम्हारी बारी॥
देखा मोहन ने समझ गये वो सारी बात रे,
ऐसी बजाई बंसी सुध बुध भूले भोलेनाथ रे।
सिर से खिसक गयी जब साड़ी मुस्काये गिरधारी॥
दीनदयाल तेरा तब से गोपेश्वर हुआ नाम रे,
ओ भोले बाबा तेरा वृन्दावन बना धाम रे।
भक्त कहे ओ त्रिपुरारी राखो लाज हमारी॥
पार्वती भी मना के हारी ना माने त्रिपुरारी ब्रज में आ गए।
पार्वती से बोले मैं भी चलूँगा तेरे संग मैं,
राधा संग श्याम नाचे मैं भी नाचूँगा तेरे संग में।
रास रचेगा ब्रज मैं भारी हमे दिखादो प्यारी ॥
ओ मेरे भोले स्वामी, कैसे ले जाऊं अपने संग में,
श्याम के सिवा वहां पुरुष ना जाए उस रास में।
हंसी करेगी ब्रज की नारी मानो बात हमारी॥
ऐसा बना दो मोहे कोई ना जाने एस राज को,
मैं हूँ सहेली तेरी ऐसा बताना ब्रज राज को ।
बना के जुड़ा पहन के साड़ी चाल चले मतवाली ॥
हंस के सत्ती ने कहा बलिहारी जाऊं इस रूप में,
इक दिन तुम्हारे लिए आये मुरारी इस रूप मैं।
मोहिनी रूप बनाया मुरारी अब है तुम्हारी बारी॥
देखा मोहन ने समझ गये वो सारी बात रे,
ऐसी बजाई बंसी सुध बुध भूले भोलेनाथ रे।
सिर से खिसक गयी जब साड़ी मुस्काये गिरधारी॥
दीनदयाल तेरा तब से गोपेश्वर हुआ नाम रे,
ओ भोले बाबा तेरा वृन्दावन बना धाम रे।
भक्त कहे ओ त्रिपुरारी राखो लाज हमारी॥
__________________________________________________________________
Watch Online
COMMENTS