हे स्वर की देवी माँ वाणी में मधुरता दो जया किशोरी जी - Download pdf & lyrics
Bhajan
हे स्वर की देवी माँ वाणी में मधुरता दो
Radhe Krishna
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Track Name - हे स्वर की देवी माँ वाणी में मधुरता दो
Voice - Jaya Kishori Bhajan
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Read Here - भक्ति कथायें ।।
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हे स्वर की देवी माँ वाणी में मधुरता दो
हे स्वर की देवी माँ वाणी में मधुरता दो।
में गीत सुनाती हूँ संगीत की शिक्षा दो।।
सरगम का ज्ञान नही,
ना लय का ठिकाना है।
तुम्हे आज सभा में माँ,
हमे दरश दिखाना है।
संगीत समंदर से सुरताल हमें दे दो,
हे स्वर की देवी माँ वाणी में मधुरता दो।।
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शक्ति ना भक्ति है।
सेवा का ज्ञान नही,
तुम्हे आज सुनाने को।
कोई सुन्दर गान नही,
गीतों के खजानो से।
एक गीत मुझे दे दो,
हे स्वर की देवी मा वाणी में मधुरता दो।।
अज्ञान ग्रसित होकर।
क्या गीत सुनाऊ में,
टूटे हुए शब्दो से।
क्या स्वर को सजाऊँ में,
तू ज्ञान का स्त्रोत बहा।
माँ मुझपे दया कर दो,
हे स्वर की देवी मा वाणी में मधुरता दो।।
हे स्वर की देवी माँ वाणी में मधुरता दो।
में गीत सुनाती हूँ संगीत की शिक्षा दो।।
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