इतना तो करना स्वामी जब प्राण तन से निकले (Krishna Bhajan) - Download pdf & lyrics
Bhajan
इतना तो करना स्वामी जब प्राण तन से निकले
Shyam Bhajan
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Track Name - इतना तो करना स्वामी जब प्राण तन से निकले
Voice - Hari Dasi
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Read Here - भक्ति कथायें ।।
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इतना तो करना स्वामी जब प्राण तन से निकले
इतना तो करना स्वामी जब प्राण तन से निकले,,
गोविन्द नाम लेकर, फिर प्राण तन से निकले ..
श्री गंगा जी का तट हो,
यमुना का वंशीवट हो,
मेरा सांवरा निकट हो,
जब प्राण तन से निकले,
इतना तो करना स्वामी जब प्राण तन से निकले..
पीताम्बरी कसी हो,
छवि मन में यह बसी हो,
होठों पे कुछ हसी हो,
जब प्राण तन से निकले,
इतना तो करना स्वामी जब प्राण तन से निकले..
श्री वृन्दावन का स्थल हो,
मेरे मुख में तुलसी दल हो,
विष्णु चरण का जल हो,
जब प्राण तन से निकले,
इतना तो करना स्वामी जब प्राण तन से निकले..
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जब कंठ प्राण आवे,
कोई रोग ना सतावे,
यम दर्शना दिखावे,
जब प्राण तन से निकले,
इतना तो करना स्वामी जब प्राण तन से निकले..
उस वक़्त जल्दी आना,
नहीं श्याम भूल जाना,
राधा को साथ लाना,
जब प्राण तन से निकले,
इतना तो करना स्वामी जब प्राण तन से निकले..
सुधि होवे नाही तन की,
तैयारी हो गमन की,
लकड़ी हो ब्रज के वन की,
जब प्राण तन से निकले,
इतना तो करना स्वामी जब प्राण तन से निकले..
एक भक्त की है अर्जी,
खुदगर्ज की है गरजी,
आगे तुम्हारी मर्जी,
जब प्राण तन से निकले,
इतना तो करना स्वामी जब प्राण तन से निकले..
ये नेक सी अरज है,
मानो तो क्या हरज है,
कुछ आप का फरज है,
जब प्राण तन से निकले,
इतना तो करना स्वामी जब प्राण तन से निकले..
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