कभी फुर्सत हो तो जगदम्बे (Mata Ke Bhajan) - Download pdf & lyrics
Bhajan
कभी फुर्सत हो तो जगदम्बे
Shyam Bhajan
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Track Name - कभी फुर्सत हो तो जगदम्बे
Voice - Hari Dasi
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Read Here - भक्ति कथायें ।।
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कभी फुर्सत हो तो जगदम्बे
कभी फुर्सत हो तो जगदम्बे,
निर्धन के घर भी आ जाना |
जो रूखा सूखा दिया हमें,
कभी उस का भोग लगा जाना ||
ना छत्र बना सका सोने का,
ना चुनरी घर मेरे टारों जड़ी |
ना पेडे बर्फी मेवा है माँ,
बस श्रद्धा है नैन बिछाए खड़े ||
इस श्रद्धा की रख लो लाज हे माँ,
इस विनती को ना ठुकरा जाना |
जो रूखा सूखा दिया हमें,
कभी उस का भोग लगा जाना ||
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जिस घर के दिए मे तेल नहीं,
वहां जोत जगाओं कैसे |
मेरा खुद ही बिशोना डरती माँ,
तेरी चोंकी लगाऊं मै कैसे ||
जहाँ मै बैठा वही बैठ के माँ,
बच्चों का दिल बहला जाना |
जो रूखा सूखा दिया हमें,
कभी उस का भोग लगा जाना ||
तू भाग्य बनाने वाली है,
माँ मै तकदीर का मारा हूँ |
हे दाती संभाल भिकारी को,
आखिर तेरी आँख का तारा हूँ ||
मै दोषी तू निर्दोष है माँ,
मेरे दोषों को तूं भुला जाना |
जो रूखा सूखा दिया हमें,
कभी उस का भोग लगा जाना ||
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